महाधिवक्ता

महाधिवक्ता

महाधिवक्ता (Advocate General) की भूमिका और उत्तरदायित्व

महाधिवक्ता भारतीय संविधान के अनुच्छेद 165 के तहत राज्य का सर्वोच्च विधि अधिकारी होता है। उसकी नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाती है, और वह राज्यपाल के प्रसाद्पर्यंत अपने पद पर कार्य करता है। महाधिवक्ता का प्रमुख कार्य राज्य सरकार को विधि संबंधी सलाह देना और न्यायालयों में राज्य का प्रतिनिधित्व करना है। महाधिवक्ता राज्य के उच्च न्यायालय में प्रमुख विधिक सलाहकार होते हैं और उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश बनने की योग्यता रखते हैं।

महाधिवक्ता की नियुक्ति

महाधिवक्ता की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाती है, और वह राज्य के दोनों सदनों की कार्यवाही में भाग ले सकता है, लेकिन उसे मतदान करने का अधिकार नहीं होता। इसके अलावा, उसे विधायिका के सदस्यों के समान वेतन, भत्ते और विशेषाधिकार मिलते हैं। महाधिवक्ता की स्थिति राज्यों में होती है, जबकि केंद्र में महान्यायवादी (Attorney General) की होती है।

महाधिवक्ता के कार्य और अधिकार

महाधिवक्ता के कार्य और अधिकार संविधान में निम्नलिखित रूप में वर्णित हैं:

कार्यविवरण
विधिक सलाहराज्य सरकार को विधिक मुद्दों पर सलाह देना।
राज्य का प्रतिनिधित्वउच्च न्यायालय में राज्य का प्रतिनिधित्व करना।
विधान सभा में भागीदारीराज्य की विधान सभा और विधान परिषद की बैठकों में भाग लेना, लेकिन मतदान का अधिकार नहीं।
वेतन और भत्तेविधायिका के सदस्यों के समान वेतन और भत्ते प्राप्त करना।
महान्यायवादी की स्थितिकेंद्र में जो स्थिति महान्यायवादी की होती है, वही स्थिति राज्य में महाधिवक्ता की होती है।

महाधिवक्ता की योग्यता और पात्रता

महाधिवक्ता बनने के लिए व्यक्ति को निम्नलिखित योग्यताओं को पूरा करना होता है:

  1. वह व्यक्ति उच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनने की योग्यता रखता हो।
  2. वह विधि का विशेषज्ञ हो और राज्यपाल के विश्वासपात्र हो।

महाधिवक्ता के कार्यकाल और हटाने की प्रक्रिया

महाधिवक्ता का कार्यकाल राज्यपाल के प्रसाद्पर्यंत होता है, यानी राज्यपाल जब चाहें उन्हें उनके पद से हटा सकते हैं। महाधिवक्ता का कार्यकाल निश्चित नहीं होता, और उनकी नियुक्ति राज्यपाल की संतुष्टि पर आधारित होती है।

महाधिवक्ता और महान्यायवादी में अंतर

महाधिवक्ता और महान्यायवादी की भूमिकाओं में मुख्य अंतर यह है कि महाधिवक्ता राज्य स्तर पर कार्य करता है, जबकि महान्यायवादी केंद्र स्तर पर कार्य करता है। महाधिवक्ता की नियुक्ति राज्यपाल करता है, जबकि महान्यायवादी की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।

महाधिवक्तामहान्यायवादी
राज्य के विधिक सलाहकारकेंद्र सरकार के विधिक सलाहकार
नियुक्ति राज्यपाल द्वारानियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा
उच्च न्यायालय में कार्यसर्वोच्च न्यायालय में कार्य
संविधान का अनुच्छेद 165संविधान का अनुच्छेद 76

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

1. महाधिवक्ता की नियुक्ति कौन करता है?
महाधिवक्ता की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाती है।

2. महाधिवक्ता का कार्य क्या होता है?
महाधिवक्ता का कार्य राज्य सरकार को विधि संबंधी सलाह देना और न्यायालयों में राज्य का प्रतिनिधित्व करना होता है।

3. क्या महाधिवक्ता विधानसभा में मतदान कर सकता है?
नहीं, महाधिवक्ता विधानसभा की बैठकों में भाग ले सकता है, लेकिन उसे मतदान का अधिकार नहीं होता।

4. महाधिवक्ता का कार्यकाल क्या होता है?
महाधिवक्ता का कार्यकाल राज्यपाल के प्रसाद्पर्यंत होता है, यानी राज्यपाल जब चाहें उन्हें उनके पद से हटा सकते हैं।

5. महाधिवक्ता और महान्यायवादी में क्या अंतर है?
महाधिवक्ता राज्य स्तर पर कार्य करता है, जबकि महान्यायवादी केंद्र सरकार का विधिक सलाहकार होता है।