अगर आप ICSE बोर्ड के छात्र हैं और हिंदी में पत्र लेखन की तैयारी कर रहे हैं, तो आप सही जगह पर आए हैं। आज हम बात करेंगे “औपचारिक पत्र” (Formal Letter) के बारे में, जिसे हम किसी सरकारी अधिकारी, स्कूल के शिक्षक, या किसी संस्था को लिखते हैं।
तो चलिए, जानते हैं कि औपचारिक पत्र का सही तरीका क्या होता है? और ICSE परीक्षा में इसे कैसे आसानी से लिखा जा सकता है।
1. पत्र का प्रारंभ (Heading)
औपचारिक पत्र में सबसे पहले पता (Address) और तारीख लिखी जाती है। यह जानकारी दाएं हाथ में दी जाती है।
उदाहरण:
yamlCopy codeशिव कुमार
15, नेहरू कॉलोनी,
दिल्ली - 110042
5 दिसंबर 2024
2. प्राप्तकर्ता का पता (Receiver’s Address)
अब, पत्र के दूसरे हिस्से में आपको प्राप्तकर्ता का पता लिखना होता है। यह बाएं हाथ में, प्राप्तकर्ता के पद और स्थान का उल्लेख करके लिखा जाता है।
उदाहरण:
Copy codeप्रधानाचार्य,
XYZ स्कूल,
नई दिल्ली - 110001
3. विषय (Subject)
विषय में हम सीधे उस मुद्दे या कारण का उल्लेख करते हैं जिसके लिए पत्र लिखा जा रहा है। यह हमेशा संक्षिप्त और स्पष्ट होना चाहिए। विषय को बोल्ड में लिखा जाता है।
उदाहरण:
makefileCopy codeविषय: वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता के आयोजन के संबंध में
4. अभिवादन (Salutation)
औपचारिक पत्र में अभिवादन अधिक औपचारिक होता है। यह आमतौर पर “मान्यवर,” या “आदरणीय महोदय/महोदया” के रूप में होता है।
उदाहरण:
Copy codeआदरणीय महोदय,
5. पत्र का मुख्य भाग (Body of the Letter)
पत्र का मुख्य भाग है, जहाँ हम अपनी बात रखते हैं। इसे तीन पैराग्राफ में बांटा जाता है:
- पहला पैराग्राफ: पत्र लिखने का उद्देश्य बताएं।
- दूसरा पैराग्राफ: संबंधित जानकारी या समस्या का विस्तार से उल्लेख करें।
- तीसरा पैराग्राफ: अपनी बात का निष्कर्ष और निवेदन करें।
उदाहरण:
Copy codeमैं आपको सूचित करना चाहता हूं कि हमारे विद्यालय में इस वर्ष वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन 15 जनवरी को किया जाएगा। इस प्रतियोगिता में सभी विद्यार्थियों को भाग लेने का अवसर मिलेगा।
मैं आपके विद्यालय से अनुरोध करता हूं कि आप हमारे कार्यक्रम में भाग लेने के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित करें और इस प्रतियोगिता को सफल बनाने में हमारी मदद करें।
आशा है कि आप हमारे निवेदन पर विचार करेंगे और शीघ्र उत्तर देंगे।
6. समापन (Closing)
पत्र के अंत में हम एक औपचारिक समापन करते हैं, जैसे “सादर,” “आपका विश्वासपात्र,” “आपका शुभचिंतक,” आदि।
उदाहरण:
Copy codeसादर,
शिव कुमार
उदाहरण पत्र:
makefileCopy code5 दिसंबर 2024
प्रधानाचार्य,
XYZ स्कूल,
नई दिल्ली - 110001
विषय: वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता के आयोजन के संबंध में
आदरणीय महोदय,
सादर प्रणाम। मैं आपको सूचित करना चाहता हूं कि हमारे विद्यालय में इस वर्ष वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन 15 जनवरी को किया जाएगा। इस प्रतियोगिता में सभी विद्यार्थियों को भाग लेने का अवसर मिलेगा।
मैं आपके विद्यालय से अनुरोध करता हूं कि आप हमारे कार्यक्रम में भाग लेने के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित करें और इस प्रतियोगिता को सफल बनाने में हमारी मदद करें।
आशा है कि आप हमारे निवेदन पर विचार करेंगे और शीघ्र उत्तर देंगे।
सादर,
शिव कुमार
नोट:
- औपचारिक पत्र में भाषा सुसंस्कृत और संयमित होती है।
- ध्यान रखें कि पत्र में स्पष्टता और सटीकता हो।
- पत्र के प्रत्येक हिस्से को एक व्यवस्थित ढंग से लिखें, ताकि प्राप्तकर्ता को कोई परेशानी न हो।
निष्कर्ष:
आपने देखा कि औपचारिक पत्र लिखने के लिए एक विशेष प्रारूप होता है, जिसे हमें ICSE परीक्षा में ध्यान से पालन करना होता है। सही तरीका और अभ्यास से आप अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं।
आपका मित्र, [आपका नाम]
Hindi Informal Letter format ICSE
FAQ’s
1. औपचारिक पत्र क्या होता है?
उत्तर: औपचारिक पत्र वह पत्र होते हैं जिन्हें हम किसी सरकारी अधिकारी, संस्था, विद्यालय के शिक्षक, या किसी अन्य औपचारिक व्यक्ति को लिखते हैं। इसमें भाषा शिष्ट और व्यावसायिक होती है।
2. औपचारिक पत्र का प्रारूप क्या होता है?
उत्तर: औपचारिक पत्र में निम्नलिखित हिस्से होते हैं:
- पत्र लिखने का पता (Heading)
- प्राप्तकर्ता का पता (Receiver’s Address)
- विषय (Subject)
- अभिवादन (Salutation)
- पत्र का मुख्य भाग (Body of the Letter)
- समापन (Closing)
3. औपचारिक पत्र में सबसे पहले क्या लिखा जाता है?
उत्तर: औपचारिक पत्र में सबसे पहले पत्र लिखने का पता (Heading) लिखा जाता है, जो दाएं हाथ में होता है। फिर तारीख दी जाती है।
4. क्या औपचारिक पत्र में प्राप्तकर्ता का पता लिखा जाता है?
उत्तर: हां, औपचारिक पत्र में प्राप्तकर्ता का पता बाएं हाथ में लिखा जाता है। यह प्राप्तकर्ता के पद और स्थान का उल्लेख करता है।
5. औपचारिक पत्र में विषय क्यों लिखा जाता है?
उत्तर: विषय का उद्देश्य पत्र के मुख्य उद्देश्य को संक्षेप में बताना होता है। यह पत्र को पढ़ने वाले व्यक्ति को तुरंत समझने में मदद करता है कि पत्र किस बारे में है।
6. औपचारिक पत्र में अभिवादन कैसे होता है?
उत्तर: औपचारिक पत्र में अभिवादन हमेशा शिष्ट और सम्मानजनक होता है। जैसे, “मान्यवर,” “आदरणीय महोदय/महोदया” या “प्रिय सर/मैम”।
7. औपचारिक पत्र के मुख्य भाग में क्या लिखना चाहिए?
उत्तर: मुख्य भाग में पत्र लिखने का उद्देश्य और संबंधित जानकारी दी जाती है। इसे तीन पैराग्राफ में बाँटा जा सकता है: पत्र लिखने का उद्देश्य, विस्तार से जानकारी, और निष्कर्ष/निवेदन।
8. औपचारिक पत्र में समापन कैसे किया जाता है?
उत्तर: औपचारिक पत्र में समापन शिष्ट तरीके से होता है, जैसे “सादर,” “आपका विश्वासपात्र,” “आपका शुभचिंतक,” आदि।
9. क्या औपचारिक पत्र में शब्द सीमा होती है?
उत्तर: हां, औपचारिक पत्र की शब्द सीमा सामान्यतः 100 से 120 शब्द होती है, जो ICSE परीक्षा के लिए उपयुक्त है।
10. क्या औपचारिक पत्र में कोई विशेष शब्द या भाषा होती है?
उत्तर: हां, औपचारिक पत्र में हमेशा सुसंस्कृत, शिष्ट और व्यावसायिक भाषा का उपयोग किया जाता है। शब्दों का चयन इस प्रकार से किया जाता है कि पत्र औपचारिक लगे।
11. क्या हम औपचारिक पत्र में इमोशनल या व्यक्तिगत बातें लिख सकते हैं?
उत्तर: नहीं, औपचारिक पत्र में व्यक्तिगत या भावनात्मक बातें नहीं लिखनी चाहिए। इसमें केवल कामकाजी या औपचारिक मुद्दों पर चर्चा की जाती है।
12. क्या औपचारिक पत्र में उपयुक्त उपनाम का प्रयोग किया जाता है?
उत्तर: हां, औपचारिक पत्र में प्राप्तकर्ता के पद के अनुसार उपनाम का प्रयोग किया जाता है, जैसे “मान्यवर” या “आदरणीय महोदय”।
13. क्या हम औपचारिक पत्र में ग़लतियाँ कर सकते हैं?
उत्तर: नहीं, औपचारिक पत्र में गलती की कोई जगह नहीं होती। आपको सावधानी से भाषा और संरचना का पालन करना होता है, ताकि पत्र प्रभावी और पेशेवर लगे।
14. औपचारिक पत्र में कोई विशिष्ट प्रारूप क्यों आवश्यक होता है?
उत्तर: औपचारिक पत्र का एक विशिष्ट प्रारूप इसलिए आवश्यक होता है ताकि पत्र को पढ़ने वाला व्यक्ति बिना किसी भ्रम के, पत्र का उद्देश्य और जानकारी समझ सके। इससे पत्र का पेशेवर रूप स्पष्ट होता है।
15. क्या औपचारिक पत्र में हम किसी व्यक्तिगत पत्र के जैसा अभिवादन लिख सकते हैं?
उत्तर: नहीं, औपचारिक पत्र में आपको व्यक्तिगत पत्र के जैसे अभिवादन नहीं करना चाहिए। आपको इसे शिष्ट और आदरणीय रूप में लिखना चाहिए, जैसे “मान्यवर” या “आदरणीय महोदय।”