NCERT constitutes dedicated team to develop Artificial Intelligence textbooks for Classes 11 and 12: What will students really learn? |
NCERT द्वारा कक्षा 11 एवं 12 के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के पाठ्यपुस्तकों के निर्माण हेतु समर्पित टीम की स्थापना
NCERT constitutes dedicated team to develop Artificial Intelligence textbooks for Classes 11 and 12: What will students really learn? |
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) धीरे-धीरे भारतीय स्कूल शिक्षा के मुख्यधारा में प्रवेश कर रही है। इस बदलाव के प्रमुख संकेतों में से एक है NCERT की कक्षा 11 और 12 के लिए AI पाठ्यपुस्तकें बनाने की पहल। साथ ही, कक्षा 3 से AI के प्रति शुरुआती परिचय और CBSE का अनिवार्य ढाँचा भी इस दिशा को आगे बढ़ा रहा है। यह नीति परिवर्तन शिक्षा के क्षेत्र में एक निर्णायक कदम के रूप में देखा जा रहा है।
इस लेख में हम इस पहल के पीछे की सोच, संभावित प्रभाव और विद्यार्थियों के लिए इसका वास्तविक महत्व समझने की कोशिश करेंगे।
NCERT की नई पहल
NCERT ने कक्षा 11 और 12 के लिए AI विषय पर पाठ्यपुस्तकों को विकसित करने के लिए एक समर्पित टीम गठित की है। यह निर्णय शिक्षा नीति में AI को औपचारिक रूप देने के एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में सराहा गया है। इस पहल से छात्रों को AI की मूलभूत अवधारणाएँ, प्रायोगिक उपकरण और उनके वास्तविक जीवन में उपयोग के तरीकों से परिचित कराया जाएगा।
कक्षा 3 से प्रारंभिक परिचय
AI के प्रति प्रारंभिक जागरूकता को बढ़ाने के लिए कक्षा 3 से ही विद्यार्थियों को AI की बुनियादी अवधारणाओं से अवगत कराया जाएगा। इससे उन्हें जिज्ञासा पैदा होगी और वे बाद में कक्षा 11 एवं 12 में गहन अध्ययन के लिए तैयार रहेंगे।
CBSE का अनिवार्य ढाँचा
CBSE ने भी AI को अपने पाठ्यक्रम का अनिवार्य हिस्सा बना दिया है। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को AI की तकनीक, उनके अनुप्रयोग और नैतिक पहलुओं के प्रति संवेदनशील बनाना है। यह कदम यह सुनिश्चित करता है कि हर छात्र को AI के मूलभूत ज्ञान की पहुँच मिले।
SOAR कार्यक्रम और AI साक्षरता
सरकार द्वारा आरम्भ किया गया SOAR (Schools Open to AI Resources) कार्यक्रम भी AI साक्षरता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह कार्यक्रम शिक्षकों और छात्रों को AI उपकरण और संसाधनों से परिचित कराता है, जिससे वे AI के व्यावहारिक पहलुओं को सीख सकें।
क्या यह केवल अनुकूलन है या गहरी समझ?
इस पहल के प्रति उठते प्रश्नों में से एक है: क्या यह केवल AI को पाठ्यक्रम में जोड़ने का अनुकूलन है, या इससे विद्यार्थियों में गहरी समझ विकसित हो सकती है? शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि अगर पाठ्यक्रम और शिक्षण विधि में आलोचनात्मक सोच और प्रायोगिक अनुभव को शामिल किया गया तो यह विद्यार्थियों की समग्र शिक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
विद्यार्थियों को क्या सीखने को मिलेगा?
AI पाठ्यपुस्तकों में निम्नलिखित प्रमुख विषय शामिल होंगे:
- मशीन लर्निंग के मूलभूत सिद्धान्त
- डेटा विज्ञान और विश्लेषण
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता की नैतिक और सामाजिक चुनौतियाँ
- प्रैक्टिकल प्रोजेक्ट्स और केस स्टडीज
- भविष्य में करियर के अवसर
यह शिक्षण सामग्री विद्यार्थियों को AI के तकनीकी, सामाजिक और आर्थिक पहलुओं को समझने में सक्षम बनाएगी।
सामान्य प्रश्न (FAQ)
- AI पाठ्यपुस्तकों का प्रकाशन कब से संभव है? NCERT की टीम के गठन के पश्चात 2024-25 शैक्षणिक वर्ष में पहली बार प्रकाशित होने की उम्मीद है।
- क्या ये पाठ्यपुस्तकें केवल कक्षा 11 एवं 12 के लिए सीमित हैं? वर्तमान में यह केवल कक्षा 11 और 12 के लिए है, पर भविष्य में अन्य कक्षाओं में भी विस्तार की योजना है।
- क्या यह पाठ्यक्रम CBSE के अनिवार्य ढाँचे के अंतर्गत है? हाँ, CBSE ने AI को अपने पाठ्यक्रम का अनिवार्य हिस्सा बना दिया है।
- SOAR कार्यक्रम के तहत क्या संसाधन उपलब्ध हैं? शिक्षकों के लिए कार्यशालाएँ, प्रायोगिक टूलकिट्स और ऑनलाइन लर्निंग मॉड्यूल्स उपलब्ध हैं।
- क्या इस पाठ्यक्रम के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क है? सार्वजनिक विद्यालयों में यह बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के उपलब्ध होगा।
- क्या AI विषय में आगे के अध्ययन के लिए कोई प्रमाणपत्र मिलेगा? वर्तमान में प्रमाणपत्र की घोषणा नहीं हुई है, पर भविष्य में संभावना है।
- क्या यह पाठ्यक्रम केवल गणितीय एवं कंप्यूटर विज्ञान के छात्रों के लिए है? नहीं, यह सभी विषयों के विद्यार्थियों के लिए उपयुक्त है।
- क्या इस पाठ्यक्रम में नैतिक पहलुओं पर चर्चा होगी? हाँ, AI की नैतिक और सामाजिक चुनौतियों पर भी विस्तृत चर्चा की जाएगी।
- क्या यह पाठ्यक्रम ऑनलाइन भी उपलब्ध होगा? NCERT के डिजिटल प्लेटफार्म पर इसे उपलब्ध कराने की योजनाएँ हैं।
- क्या सरकार द्वारा इस पहल के लिए कोई अनुदान उपलब्ध है? वर्तमान में शिक्षा मंत्रालय द्वारा विशेष अनुदान की घोषणा नहीं हुई है, पर भविष्य में संभव है।
निष्कर्ष
NCERT द्वारा AI पाठ्यपुस्तकें तैयार करने की पहल और कक्षा 3 से शुरुआती परिचय, CBSE का अनिवार्य ढाँचा तथा SOAR कार्यक्रम के संयोजन से भारतीय छात्रों के लिए AI शिक्षा का एक नया युग खुल रहा है। यदि इस पहल में गहन समझ, आलोचनात्मक सोच और प्रायोगिक अनुभव को सही ढंग से सम्मिलित किया जाए, तो यह विद्यार्थियों को भविष्य की चुनौतियों के लिए सक्षम बनाएगा।
हम आशा करते हैं कि यह लेख आपको इस नई शैक्षणिक दिशा के बारे में स्पष्ट और विस्तृत जानकारी देगा। अधिक जानकारी के लिए NCERT की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ।